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Before and after elections |
हमारे महान देश भारत मैं चुनाव के दिन और चुनाव के बाद वाले दिनों मैं बहुत ज्यादा फरक होता है
चुनाव वाले दिन कोई तो कहेता हैं की मेरे पास वोट डालने के लिए टाइम नहीं हैं तो कोई कहेता हैं कि अरे भाई हम तो अपनी जाती के उम्मीद्द्वार को ही वोट देंगे और किसि को एक दिन के लिए जन्नत नसीब हो जाती है क्यों कि उसका तो मानना होता हैं कि "पैसा दो वोट लो" ," पवुआ चडाओ वोट ले जाओ"
और चुनाव के दुसरे दिन लोगों का रवय्या बहुत बदला बदला होता है उदहारण के तौर पर-
सारे नेता चोर हैं , बिजली नहीं आ रही , पानी नहीं आ रहा , महेंगाई बहुत बड गयी हैं , पडोसी के घर मैं अपहरण हो गया अथवा
ऐसा इसलिए होता हैं क्योंकि हम लोग ही होते हैं जो अपने मत को बेच देते हैं और फिर दूसरी सरकार आने का इंतज़ार करते हैं हमें अपने मत को बेचना नहीं चाहिए हमें यह सोचना चाहिए कि अगर हम किसि गलत नेता को एक दिन के आराम के लिए अपने ऊपर पांच साल के लिए राज करने देते हैं तो हमारे साथ जो हो रहा हैं उसके जिम्मेदार हम खुद हैंचुनाव वाले दिन कोई तो कहेता हैं की मेरे पास वोट डालने के लिए टाइम नहीं हैं तो कोई कहेता हैं कि अरे भाई हम तो अपनी जाती के उम्मीद्द्वार को ही वोट देंगे और किसि को एक दिन के लिए जन्नत नसीब हो जाती है क्यों कि उसका तो मानना होता हैं कि "पैसा दो वोट लो" ," पवुआ चडाओ वोट ले जाओ"
और चुनाव के दुसरे दिन लोगों का रवय्या बहुत बदला बदला होता है उदहारण के तौर पर-
सारे नेता चोर हैं , बिजली नहीं आ रही , पानी नहीं आ रहा , महेंगाई बहुत बड गयी हैं , पडोसी के घर मैं अपहरण हो गया अथवा
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Corruption in India cartoon |
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